Currentaffairs 28 December 2017 - Hindi / English / Marathi
Hindi
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अंतरिक्ष में अगली पीढ़ी की दूरबीन भेजने की योजना बना रही है जो ब्रह्मांड की अभी तक की सबसे बड़ी तस्वीर भेजेगा और उसकी गहराई तथा स्पष्टता हबल अंतरिक्ष टेलीस्कोप जितनी ही होगी।
नासा ने बताया कि इस दूरबीन का प्रक्षेपण वर्ष 2020 के मध्य में किया जाना है। वाइड फील्ड इंफ्रारेड सर्वे टेलीस्कोप (डब्ल्यूएफआईआरएसटी) हबल दूरबीन से ज्यादा क्षमता वाले दूरबीन के रूप में काम करेगा। हबल के कैमरों के जितना ही संवेदनशील डब्ल्यूएफआईआरएसटी का 300 मेगापिक्सल वाइड फील्ड उपकरण आकाश के किसी हिस्से की 100 गुना बड़ी तस्वीर खींचेगा।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, इसका मतलब है कि डब्ल्यूएफआईआरएसटी से भेजी गई एक तस्वीर में हबल से भेजी गई 100 तस्वीरों के बराबर जानकारी होंगी।
अमेरिका में प्रिंसटन विश्वविद्यालय में डब्ल्यूएफआईआरएसटी के विज्ञान कार्यकारी समूह के सह अध्यक्ष और प्रोफेसर डेविड स्पर्गेल ने कहा कि हबल से भेजी गई तस्वीर दीवार पर एक अच्छे पोस्टर के जैसी होती है जबकि डब्ल्यूएफआईआरएसटी से भेजी गई तस्वीर आपके घर की पूरी दीवार की तस्वीर लेगा।
नासा ने बताया कि इस अभियान से ब्रह्मांड की इतनी बड़ी तस्वीर मिलेगी जैसी पहले कभी नहीं मिली होगी जिससे खगोलविदों को ब्रह्मांड के कई बड़े रहस्यों का खुलासा करने में मदद मिलेगी।
ब्रह्मांड के रहस्यों की खोज में मदद:
डब्ल्यूएफआइआरएसटी से ली गई तस्वीरों से ब्रह्मांड के रहस्यों के साथ यह भी पता चल पाएगा कि इसका विस्तार किस कारण हो रहा है। बह्माांड के विस्तार की गति बढ़ने के दो कारण बताए जाते हैं। पहला इसके 68 प्रतिशत भाग में फैला डार्क मैटर और दूसरा आइंस्टीन के 'सामान्य सापेक्षता का सिद्धांत। नए टेलीस्कोप से जुटाई गई जानकारियों से यह गुत्थी सुलझ सकती है। इसकी मदद से आकाशगंगा और अंतरिक्ष के संबंध में भी नई जानकारियां मिलेंगी।
डब्ल्यूएफआइआरएसटी प्रोजेक्ट के वैज्ञानिक जेफरी क्रूक ने कहा, 'ब्रह्माांड के शुरुआती दिनों की तस्वीरों का अध्ययन कर ही पता लगाया जा सकता है कि किस तरह गैस तारे, ग्रह और धूमकेतू में बदल गए। नया टेलीस्कोप इसमें हमारी काफी मदद कर सकता है।'
English
NASA's new telescope WFIRST to see big picture of universe
NASA is beginning to design its next big astrophysics mission, a space telescope that will provide the largest picture of the universe ever seen with the same depth and clarity as the Hubble Space Telescope.
WFIRST:
Scheduled to launch in the mid-2020s, the Wide Field Infrared Survey Telescope (WFIRST) will function as Hubble’s wide-eyed cousin. While just as sensitive as Hubble's cameras, WFIRST's 300-megapixel Wide Field Instrument will image a sky area 100 times larger. This means a single WFIRST image will hold the equivalent detail of 100 pictures from Hubble.
The mission's wide field of view will allow it to generate never-before-seen big pictures of the universe, which will help astronomers explore some of the greatest mysteries of the cosmos, including why the expansion of the universe seems to be accelerating.
Features of WFIRST:
- WFIRST will measure precise distances to galaxy clusters to map how they grew over time.
- To understand how the universe evolved from a hot, uniform gas into stars, planets, and people WFIRST will do this through multiple observational strategies, including surveys of exploding stars called supernovae and galaxy clusters, and mapping out the distribution of galaxies in three dimensions.
- WFIRST will also feature a coronagraph technology demonstration instrument designed to directly image exoplanets by blocking out a star’s light, allowing the much fainter planets to be observed. As NASA’s first advanced coronagraph in space, it will be 1,000 times more capable than any previously flown.
- WFIRST will serve as an important tool for the science community through its General Observer and archival data analysis programs. All WFIRST data will be publicly available immediately after processing and delivery to the archive.
- WFIRST's microlensing survey will monitor 100 million stars for hundreds of days and is expected to find about 2,500 planets, with significant numbers of rocky planets in and beyond the region where liquid water may exist.
The Wide Field Instrument will also allow WFIRST to measure the matter in hundreds of millions of distant galaxies through a phenomenon dictated by Einstein’s relativity theory. Massive objects like galaxies curve space-time in a way that bends light passing near them, creating a distorted, magnified view of far-off galaxies behind them.
Using this magnifying glass effect, called weak gravitational lensing, WFIRST will paint a broad picture of how matter is structured throughout the universe, allowing scientists to put the governing physics of its assembly to the ultimate test.
By pioneering an array of innovative technologies, WFIRST will serve as a multipurpose mission, furnishing a big picture of the universe and helping us answer some of the most profound questions in astrophysics, such as how the universe evolved into what we see today, its ultimate fate and whether we are alone.
Marathi
NASA नवी ‘WFIRST’ अवकाश दुर्बिण तयार करीत आहे
अमेरिकेची NASA अंतराळात पुढच्या पिढीची दुर्बिण पाठवण्याची योजना तयार करीत आहे, जी विश्वाची व्यापक आणि सखोल अशी प्रतिमा पाठवू शकणार आणि त्याची स्पष्टता ‘हब्बल’ अंतराळ दुर्बिणीप्रमाणेच असणार.
‘वाइड फील्ड इंफ्रारेड सर्व्हे टेलीस्कोप (WFIRST)’ नामक ही दुर्बिण वर्ष 2020 च्या मध्यात अंतराळात सोडण्याची योजना आहे. ही दुर्बिण हब्बल दुर्बिणीपेक्षा मोठ्या आकाराची प्रतिमा घेऊ शकणार.
हब्बल प्रमाणेच WFIRST मध्ये बसविलेले 300 मेगा पिक्सल वाइड फील्ड उपकरण आकाशाच्या कोणत्याही भागाची 100 पटीने मोठी प्रतिमा छायाचित्रित करणार. म्हणजेच हब्बल दुर्बिणीने पाठवविलेल्या 100 प्रतिमा मिळून WFIRST ची एक प्रतिमा असेल.
याप्रकारच्या प्रतिमेमुळे खगोलशास्त्रज्ञांना विश्वासंबंधी अनेक मोठ्या रहस्यांना समजण्यास मदत होणार. तसेच कित्येक सिद्धांतापैकी एक असे, खगोलशास्त्रज्ञांचे कल्पित ‘डार्क मॅटर’ बद्दल अधिक जाणून घेण्यासाठी WFIRST त्याच्या शक्तिशाली 2.4 मीटर आकाराचे आरसे आणि वाइड फील्ड उपकरणाचा वापर करण्यास सक्षम आहे.
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