Current Affairs 8 June 2018
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विश्व बैंक ने 6,000 करोड़ की अटल भूजल योजना को अनुमति प्रदान की
6,000 कोटी रुपयांच्या ‘अटल भुजल’ योजनेला जागतिक बँकेचे अर्थसहाय्य
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विश्व बैंक ने 6,000 करोड़ की अटल भूजल योजना को अनुमति प्रदान की
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्था विश्व बैंक ने 6000 करोड़ रुपये की लागत से जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय की केंद्रीय क्षेत्र योजना को अनुमति प्रदान की है।
योजना कार्यान्वन अवधि:
योजना को विश्व बैंक की सहायता से वर्ष 2018-10 से 2022-23 की पांच वर्षीय कालावधि में कार्यान्वित किया जाना है। मंत्रालय की वित्त व्यय समिति पहले ही योजना के प्रस्ताव की अनुशंसा कर चुकी है एवं परियोजना के लिये मंत्रालय जल्द ही मंत्रिमण्डल की मंजूरी लेगा।
अटल भूजल योजना का उद्देश्य:
देश के बड़े भाग में भूजल संसाधनों की गंभीर कमी दूर करने के लिये मंत्रालय ने अटल भूजल योजना का निर्माण किया है। योजना का उद्देश्य देश के प्राथमिक क्षेत्रों में सामुदायिक भागीदारी से भूजल प्रबंधन की स्थिति में सुधार करना है।
योजना के अंतर्गत पहचान किये गये प्राथमिक क्षेत्र गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश राज्यों में पड़ते हैं। यह राज्य भारत में भूजल के मामले में अत्यधिक शोषित, संकटमय एवं अर्द्ध संकटमय खंडों का लगभग 25% निरूपित करते हैं।
यह राज्य भारत में पाये जाने वाले दो बड़े प्रकार के भूजल निकायों- जलोढ़ एवं हार्ड रॉक जलभृत को कवर करते हैं एवं भूजल प्रबंधन में सांस्थानिक तैयारी एवं अनुभव के मामले में यह आत्मनिर्भरहैं।
योजना के अंतर्गत भूजल संचालन हेतु ज़िम्मेदार संस्थानों को बेहतर बनानेएवं भूजल प्रबंधन में पानी के प्रभावी उपयोग एवं संरक्षण को बढ़ावा देने वाला व्यवहारगत परिवर्तन लाने के लिये सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहन देने के लिये धनराशि प्रदान की जाएगी।
यह योजना पहचान किये गए प्राथमिक क्षेत्रों में योजनाओं के कार्यान्वयन को प्रोत्साहन देकर प्रदेशों में जारी मौजूदा सरकारी योजनाओं के सम्मिलन की सुविधा भी प्रदान करेगी।
प्रमुख तथ्य:
योजना के क्रियान्वयन से इन प्रदेशों के 78 ज़िलों में लगभग 8350 ग्राम पंचायतों के लाभान्वित होने की आशा है। योजना के अंतर्गत धनराशि अनुदान के रूप में भागीदारी करने वाले प्रदेशों को उपलब्ध करा दी जाएगी।
भूजल प्रबंधन में सक्रिय सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करना योजना के बड़े उद्देश्यों में शामिल है। योजना के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों जैसे वॉटर यूज़र एसोसिएशन, भूजल के आंकड़ों की निगरानी एवं वितरण, जलसंबंधी आय-व्ययक, ग्राम पंचायतों के अनुरूप जल सुरक्षा योजनाओं की तैयारी व कार्यान्वयन एवं चिरस्थायी जल प्रबंधन से संबंधित आईईसी गतिविधियों में समुदायों की सक्रिय भागीदारी प्रस्तावित की गई है।
सार्वजनिक वित्तपोषण की प्रभावोत्पादकता में सुधारके लिये एवं भागीदार राज्यों में भूजल पर विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों को व्यवस्थित करने के लिये नीचे से ऊपर भूजल योजना की प्रक्रिया में सामुदायिक भागीदारी से भी मदद मिलने की आशा है।
योजना के कार्यान्वयन से अनेक सकारात्मक परिणाम मिलने की आशा है जैसे भूजल के बारे में बेहतर समझ, भूजल में गिरावट से संबंधित विषयों पर ठोस एवं समेकित समुदाय-आधारित रुख, नयी एवं पुरानी योजनाओं के सम्मिलन से संधारणीय भूजल प्रबंधन, पानी के उपयोग से जुड़ी प्रभावी प्रक्रियाओं को अपनाने से सिंचाई में लगने वाले भूजल के इस्तेमाल में कमी एवं लक्षित क्षेत्रों में भूजल संसाधनों में बढ़ोतरी।
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्था विश्व बैंक ने 6000 करोड़ रुपये की लागत से जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय की केंद्रीय क्षेत्र योजना को अनुमति प्रदान की है।
योजना कार्यान्वन अवधि:
योजना को विश्व बैंक की सहायता से वर्ष 2018-10 से 2022-23 की पांच वर्षीय कालावधि में कार्यान्वित किया जाना है। मंत्रालय की वित्त व्यय समिति पहले ही योजना के प्रस्ताव की अनुशंसा कर चुकी है एवं परियोजना के लिये मंत्रालय जल्द ही मंत्रिमण्डल की मंजूरी लेगा।
अटल भूजल योजना का उद्देश्य:
देश के बड़े भाग में भूजल संसाधनों की गंभीर कमी दूर करने के लिये मंत्रालय ने अटल भूजल योजना का निर्माण किया है। योजना का उद्देश्य देश के प्राथमिक क्षेत्रों में सामुदायिक भागीदारी से भूजल प्रबंधन की स्थिति में सुधार करना है।
योजना के अंतर्गत पहचान किये गये प्राथमिक क्षेत्र गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश राज्यों में पड़ते हैं। यह राज्य भारत में भूजल के मामले में अत्यधिक शोषित, संकटमय एवं अर्द्ध संकटमय खंडों का लगभग 25% निरूपित करते हैं।
यह राज्य भारत में पाये जाने वाले दो बड़े प्रकार के भूजल निकायों- जलोढ़ एवं हार्ड रॉक जलभृत को कवर करते हैं एवं भूजल प्रबंधन में सांस्थानिक तैयारी एवं अनुभव के मामले में यह आत्मनिर्भरहैं।
योजना के अंतर्गत भूजल संचालन हेतु ज़िम्मेदार संस्थानों को बेहतर बनानेएवं भूजल प्रबंधन में पानी के प्रभावी उपयोग एवं संरक्षण को बढ़ावा देने वाला व्यवहारगत परिवर्तन लाने के लिये सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहन देने के लिये धनराशि प्रदान की जाएगी।
यह योजना पहचान किये गए प्राथमिक क्षेत्रों में योजनाओं के कार्यान्वयन को प्रोत्साहन देकर प्रदेशों में जारी मौजूदा सरकारी योजनाओं के सम्मिलन की सुविधा भी प्रदान करेगी।
प्रमुख तथ्य:
योजना के क्रियान्वयन से इन प्रदेशों के 78 ज़िलों में लगभग 8350 ग्राम पंचायतों के लाभान्वित होने की आशा है। योजना के अंतर्गत धनराशि अनुदान के रूप में भागीदारी करने वाले प्रदेशों को उपलब्ध करा दी जाएगी।
भूजल प्रबंधन में सक्रिय सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करना योजना के बड़े उद्देश्यों में शामिल है। योजना के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों जैसे वॉटर यूज़र एसोसिएशन, भूजल के आंकड़ों की निगरानी एवं वितरण, जलसंबंधी आय-व्ययक, ग्राम पंचायतों के अनुरूप जल सुरक्षा योजनाओं की तैयारी व कार्यान्वयन एवं चिरस्थायी जल प्रबंधन से संबंधित आईईसी गतिविधियों में समुदायों की सक्रिय भागीदारी प्रस्तावित की गई है।
सार्वजनिक वित्तपोषण की प्रभावोत्पादकता में सुधारके लिये एवं भागीदार राज्यों में भूजल पर विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों को व्यवस्थित करने के लिये नीचे से ऊपर भूजल योजना की प्रक्रिया में सामुदायिक भागीदारी से भी मदद मिलने की आशा है।
योजना के कार्यान्वयन से अनेक सकारात्मक परिणाम मिलने की आशा है जैसे भूजल के बारे में बेहतर समझ, भूजल में गिरावट से संबंधित विषयों पर ठोस एवं समेकित समुदाय-आधारित रुख, नयी एवं पुरानी योजनाओं के सम्मिलन से संधारणीय भूजल प्रबंधन, पानी के उपयोग से जुड़ी प्रभावी प्रक्रियाओं को अपनाने से सिंचाई में लगने वाले भूजल के इस्तेमाल में कमी एवं लक्षित क्षेत्रों में भूजल संसाधनों में बढ़ोतरी।
World Bank approves Rs. 6,000 crore Atal Bhujal Yojana
World Bank approves Rs. 6,000 crore Atal Bhujal Yojana
Why part of D.N.A- The World Bank has approved Atal Bhujal Yojana (ABHY), a Rs.6000 crore Central Sector Scheme of the Ministry of Water Resources, River Development and Ganga Rejuvenation.
The scheme is to be implemented over a period of five years from 2018-19 to 2022-23, with World Bank assistance.
The scheme proposal has already been recommended by the Expenditure Finance Committee and the Ministry will be seeking Cabinet approval for the project shortly.
Ministry/ Department: Ministry of Water Resources, River Development, and Ganga Rejuvenation
Aims- To tackle the ever-deepening crisis of depleting groundwater level.
Scheme:
- The objective of the scheme is to recharge groundwater and create sufficient water storage for agricultural purposes.
- It also focuses on the revival of surface water bodies so that groundwater level can be increased, especially in the rural areas.
- The scheme after Cabinet’s clearance will soon be launched in water-stressed states: Gujarat, Haryana, Karnataka, Maharashtra, Uttar Pradesh, Rajasthan and Madhya Pradesh.
- Centre will support half of the total project cost and rest of the budgetary cost will be shared by the World Bank.
How it is implemented:
- Funds under the scheme will be provided to the states for strengthening the institutions responsible for groundwater governance, as well as for encouraging community involvement for improving groundwater management to foster behavioral changes that promote conservation and efficient use of water.
- The scheme will also facilitate convergence of ongoing government schemes in the states by incentivizing their focused implementation in identified priority areas.
- Implementation of the scheme is expected to benefit nearly 8350 Gram Panchayats in 78 districts in these states. Funds under the scheme will be made available to the participating states as Grants.
- Ensuring active community participation in groundwater management is among the major objectives of the scheme.
- The scheme envisages active participation of the communities in various activities such as the formation of Water User Associations, monitoring and disseminating groundwater data, water budgeting, preparation and implementation of Gram Panchayat wise water security plans and IEC activities related to sustainable groundwater management.
- Community participation is also expected to facilitate bottom-up groundwater planning process to improve the effectiveness of public financing and align implementation of various government programs on groundwater in the participating states.
Why part of D.N.A- The World Bank has approved Atal Bhujal Yojana (ABHY), a Rs.6000 crore Central Sector Scheme of the Ministry of Water Resources, River Development and Ganga Rejuvenation.
The scheme is to be implemented over a period of five years from 2018-19 to 2022-23, with World Bank assistance.
The scheme proposal has already been recommended by the Expenditure Finance Committee and the Ministry will be seeking Cabinet approval for the project shortly.
Ministry/ Department: Ministry of Water Resources, River Development, and Ganga Rejuvenation
Aims- To tackle the ever-deepening crisis of depleting groundwater level.
Scheme:
- The objective of the scheme is to recharge groundwater and create sufficient water storage for agricultural purposes.
- It also focuses on the revival of surface water bodies so that groundwater level can be increased, especially in the rural areas.
- The scheme after Cabinet’s clearance will soon be launched in water-stressed states: Gujarat, Haryana, Karnataka, Maharashtra, Uttar Pradesh, Rajasthan and Madhya Pradesh.
- Centre will support half of the total project cost and rest of the budgetary cost will be shared by the World Bank.
How it is implemented:
- Funds under the scheme will be provided to the states for strengthening the institutions responsible for groundwater governance, as well as for encouraging community involvement for improving groundwater management to foster behavioral changes that promote conservation and efficient use of water.
- The scheme will also facilitate convergence of ongoing government schemes in the states by incentivizing their focused implementation in identified priority areas.
- Implementation of the scheme is expected to benefit nearly 8350 Gram Panchayats in 78 districts in these states. Funds under the scheme will be made available to the participating states as Grants.
- Ensuring active community participation in groundwater management is among the major objectives of the scheme.
- The scheme envisages active participation of the communities in various activities such as the formation of Water User Associations, monitoring and disseminating groundwater data, water budgeting, preparation and implementation of Gram Panchayat wise water security plans and IEC activities related to sustainable groundwater management.
- Community participation is also expected to facilitate bottom-up groundwater planning process to improve the effectiveness of public financing and align implementation of various government programs on groundwater in the participating states.
Marathi | मराठी
6,000 कोटी रुपयांच्या ‘अटल भुजल’ योजनेला जागतिक बँकेचे अर्थसहाय्य
भारत सरकारच्या जलस्रोत मंत्रालयाने तयार केलेल्या 6000 कोटी रुपये खर्च असलेल्या ‘अटल भूजल’ योजनेला जागतिक बँकेने अर्थसहाय्य देण्याकरिता नुकतीच आपली मंजुरी दिली आहे.देशाच्या अनेक भागांमध्ये भूजलाची पातळी खालावत आहे, ती पूर्ववत करण्यासाठी अटल भूजल योजना तयार करण्यात आली आहे.
योजनेची वैशिष्ट्ये
- सन 2018-19 ते सन 2022-23 या पाच वर्षांच्या मुदतीमध्ये ही योजना राबवली जाणार आहे.
- या योजनेंतर्गत लोकसहभागातून अनेक भूभागांमध्ये भूजल स्तर वाढवण्यासाठी प्रयत्न केले जाणार आहेत. महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, राजस्थान आणि उत्तर प्रदेश या राज्यांमध्ये प्रामुख्याने ही योजना राबवली जाणार आहे.
- भूजलाचा स्तर कायम राखण्यासाठी आणि जल व्यवस्थापनाच्या कामी लोकसहभाग वाढविण्यासाठी या योजनेंतर्गत निधी पुरवठा केला जाणार आहे.
- या राज्यांमध्ये भारतामधील भूजलाच्या दृष्टीने अधिक-वापरलेले, गंभीर आणि अर्ध-गंभीर विभागांच्या एकूण संख्येपैकी सुमारे 25% भाग आहेत. ते भारतात आढळणार्या दोन प्रमुख प्रकारच्या भूजल प्रणालींना व्यापतात, ते म्हणजे – गाळाची जमीन आणि कठीण दगडाखाली असलेले पाणकोठ्ठे.
- योजनेंतर्गत निधी व्यवस्थापनासोबतच पाण्याचे संवर्धन आणि पाण्याचा प्रभावी वापर करण्यास प्रोत्साहन देण्यासाठी राज्यांना पुरविण्यात येईल. शिवाय यासंदर्भात शासनाच्या सुरू असलेल्या योजनांनादेखील ही योजना पाठबळ देणार.
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