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    Thursday, June 7, 2018

    India to joining Clean Seas Program and other Green Initiatives स्वच्छ समुद्र कार्यक्रमात भाग घेण्यास भारत वचनबद्ध भारत स्वच्छ समुद्र कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रतिबद्ध:

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    Current affairs 7 June 2018 Hindi/English/Marathi


     करेंट अफेर्स  7 जून 2018 हिंदी/ इंग्लिश/मराठी

    India to joining Clean Seas Program and other Green Initiatives


    स्वच्छ समुद्र कार्यक्रमात भाग घेण्यास भारत वचनबद्ध


    भारत स्वच्छ समुद्र कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रतिबद्ध:

    English| इंग्लिश 


    India to joining Clean Seas Program and other Green Initiatives




    Why part of D.N.A - With the threat of plastic pollution mounting and its deadly impacts on marine ecosystems, India is now preparing to join the global 'Clean Seas Campaign', on occasion of marking World Environment Day (WED).
    What is Clean Seas Program - UN Environment launched #CleanSeas in February 2017, with the aim of engaging governments, the general public, civil society and the private sector in the fight against marine plastic litter.
    UN Environment aims to transform all spheres of change - habits, practices, standards and policies around the globe to dramatically reduce marine litter and the harm it causes.
    According to the Clean Seas campaign at least 8 million tonnes of plastic leaks into the ocean each year. This has had a severe impact on aquatic life, found to be literally dying due to ingestion.Also, about 25,000 tonnes of plastic waste is generated every year in India and of this, only 60 per cent is recycled.
    Few Initiatives from Indian Companies:
    1. The Taj Exotica Resort & Spa is the first luxury resort to open in the Andaman Islands, and is aiming to keep the beach destination and the unique ecosystems unspoiled. It is perhaps the world’s first single-use plastic-free luxury resort, and as such it’s a possible game-changer for the industry. Throughout the rest of its hotel network, the Taj Group is looking towards eliminating the unnecessary but ubiquitous throwaway plastic packaging that permeate the tourism sector.
    2. Another Initiative, Infosys campus in Hyderabad, where staff levels more than doubled over the past 10 years yet electricity consumption barely increased thanks to incredible advances in energy efficiency and green buildings. From plastics to food waste, the model is the circular model– the kind that will bring the carbon neutrality and less waste.
    Beating plastic pollution is just a part of the wider shift to green business practice, a change that will include opportunities on a par with the digital revolution.
    There are five Sustainable development goals which are associated with Green Economy and clean sea Program.
    1.No poverty (S.D.G-1)
    2.Decent work and Economic Growth(S.D..G-8)
    3.Industry innovation and Infracture(S.D.G-9)
    4.Sustainable cities and communities(S.D.G-11)
    5.Sustainable consumption and production(S.D.G-12)
    Actions by Government on World Environment Day-
    -          India has 7,500 km of coastline – the 7th longest in Asia. As part of this commitment, the government will establish a national and regional marine litter action campaign as well as a program to measure the total marine plastic footprint in India’s coastal waters.
    -          Other notable steps towards a pollution-free India included a partnership between UN Environment and the Indian Board of Control to ‘green cricket’ across the country, and a pledge to make 100 national monuments litter-free.
    -          The western state of Maharashtra introduced an urban e-mobility program to scale back emissions. Meanwhile, the state of Andhra Pradesh in India’s southeast launched a scale-out plan to transition 6 million farms from conventional synthetic chemical agriculture to Zero-Budget Natural Farming.

    What is UN Environment-  UN Environment is the leading global voice on the environment. It provides leadership and encourages partnership in caring for the environment by inspiring, informing, and enabling nations and peoples to improve their quality of life without compromising that of future generations. UN Environment works with governments, the private sector, civil society and with other UN entities and international organizations across the world. 

    Hindi  | हिंदी 





    भारत स्वच्छ समुद्र कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रतिबद्ध:


    विश्व पर्यावरण दिवस (डब्ल्यूईडी) के अवसर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण बढ़ने और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र पर इसके घातक प्रभावों की भयावहता को देखते हुए, भारत अब वैश्विक 'स्वच्छ समुद्र अभियान' में शामिल होने की तैयारी कर रहा है।
    प्रधान मंत्री मोदी ने समुद्री कूड़े विशेष रूप से माइक्रो प्लास्टिक के बारे में चिंता व्यक्त की, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह "एक प्रमुख ट्रांस बॉउंड्री समस्या है।" इस साल, भारत संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के सहयोग से 'बीट प्लास्टिक प्रदूषण' की थीम के साथ डब्ल्यूईडी का वैश्विक मेजबान है।
    स्वच्छ समुद्र कार्यक्रम:
    संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) ने सरकारों, सिविल सोसाइटी और नागरिकों की मदद से समुद्री प्लास्टिक कचरे से लड़ने के लिए जनवरी 2017 में 'स्वच्छ समुद्र' कार्यक्रम शुरू किया था। यह अभियान, समुद्री कूड़े के मुद्दे के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने और अपशिष्ट प्रबंधन में अंतर को संबोधित करने वाले उपायों को लागू करने का लक्ष्य रखता है।
    स्वच्छ समुद्र अभियान के अनुसार हर साल समुद्र में कम से कम 8 मिलियन टन प्लास्टिक जमा होता है। इस प्लास्टिक का जलीय जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ा है, जिसके इंजेक्शन के कारण जीव सचमुच में मर रहे हैं।

    अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति का प्रयास:

    हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने स्वच्छ समुद्र अभियान के लिए संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के साथ मिलकर काम शुरू किया। सात प्रमुख खेल निकाय, यूरोपीय और ओशिनिया राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों के प्रतिनिधि और तीन प्रायोजक इस वैश्विक मुद्दे को संबोधित करने में आईओसी का समर्थन करने के लिए आयोजन में शामिल हुए।
    संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण के कार्यकारी निदेशक एरिक सोलहेम और आईओसी सस्टेनेबिलिटी और लीगेसी कमीशन के सदस्य ने कहा, "यह प्लास्टिक प्रदूषण को संबोधित करने के लिए खेल की दुनिया से अब तक की सबसे बड़ी प्रतिबद्धता है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की स्वच्छ समुद्र प्रतिज्ञा, खेल में प्लास्टिक इस्तेमाल ना करने के लिए जागरूकता बढ़ाएगी। हम इतने सारे खेल संगठनों के साथ-साथ प्रायोजकों द्वारा किए गए कार्यों को देखकर प्रसन्न हैं।"
    IOC ने अपने मुख्यालयों के साथ-साथ ओलंपिक संग्रहालय में प्लास्टिक कचरे को कम करना शुरू कर दिया है, और 2020 तक अपने आपूर्तिकर्ताओं के सहयोग से IOC कार्यक्रमों में जिम्मेदार भौतिक उपयोग बढ़ाने के लिए काम कर रहा है।
    IOC अपने साझेदारों के साथ अभिनव समाधानों को आगे बढ़ाने के अलावा, खेल समुदाय को शैक्षणिक टूलकिट और कार्यशालाएं प्रदान करेगा। ओलंपिक सॉलिडेरिटी फंडिंग, तटीय क्लीन-अप, अभियान और शिक्षा कार्यक्रमों की सहायता के साथ 17 देशों के एक क्षेत्र ओशिनिया में शुरू हो चुका है, जो कि महासागरों में समुद्री मलबे के प्रभाव को पहली बार देखते हैं।



    Marathi| मराठी  



    स्वच्छ समुद्र कार्यक्रमात भाग घेण्यास भारत वचनबद्ध

    महासागर आणि जलजीवन प्लास्टिक प्रदूषणाच्या विळख्यात आले आहे आणि याचे प्रमाण आता गंभीर रूपाने वाढले आहे. सागरी वातावरणावर याचे घातक प्रभाव पाहायला मिळत आहे.
    अश्या भयंकर परिस्थितीचा सामना करण्यासाठी भारतानेही पुढाकार घेतला आहे आणि आता भारत जागतिक स्वरुपात चाललेल्या 'स्वच्छ समुद्र अभियान' मध्ये भाग घेण्याची तयारी करीत आहे.

    ‘स्वच्छ समुद्र’ कार्यक्रमाबाबत

    दरवर्षी समुद्रात कमीतकमी 8 दशलक्ष टन प्लास्टिक जमा होतो. या प्लास्टिकमुळे जल पर्यावरणावर गंभीर प्रभाव पडलेला दिसून येत आहे. यामुळे जलचर प्राण्यांचा मृत्यू होत असल्याचे आढळून आले आहे.
    या पार्श्वभूमीवर, संयुक्त राष्ट्रसंघ पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने सरकार, नागरी संस्था आणि जनसमुदाय यांच्या मदतीने समुद्रामधील प्लास्टिक कचर्‍याच्या समस्येशी लढण्यासाठी जानेवारी 2017 मध्ये 'स्वच्छ समुद्र' कार्यक्रम (Clean Seas Program) सुरू केले.
    ‘स्वच्छ समुद्र’ हे एक अभियान आहे, जे समुद्रामधील कचर्‍याविषयी वैश्विक जागृती वाढवणे आणि कचरा व्यवस्थापन यामधील तफावत संबोधित करणार्‍या उपाययोजना लागू करण्याचे लक्ष्य ठेवते. समुद्रातील बहुतेक कचरा जमिनीवर उत्पन्न होतो. म्हणूनच केवळ पूर्णपणे समुद्रात सापडणार्‍या कचर्‍यावरच लक्ष्य केंद्रित न करता, त्याच्या स्रोतापासून ते सागरापर्यंतच्या संपूर्ण साखळीवर लक्ष्य केंद्रित केले जात आहे.
    अलीकडेच आंतरराष्ट्रीय ऑलंपिक समितीने (IOC) या कार्यक्रमात भाग घेतला आहे आणि UNEP च्या बरोबरीने आपले काम सुरू केले आहे. आंतरराष्ट्रीय ऑलंपिक समितीने संघटना व जगभरातील त्यांच्या स्पर्धांमधून एकदाच उपयोगात येणार्‍या प्लास्टिकच्या निर्मूलनासाठी आपली महत्वाकांक्षी योजना जाहीर केली आहे. या वैश्विक मुद्द्याला संबोधित करण्यासाठी सात प्रमुख क्रिडा मंडळे आणि 20 हून अधिक राष्ट्रीय ऑलंपिक समितीमधील प्रतिनिधी यांनी देखील IOC चे समर्थन करण्यास सहभागी झाले आहेत. IOC ने खेळांमध्ये प्लास्टिकचा वापर न करण्याची प्रतिज्ञा घेतली आहे आणि ती याविषयी जागृती निर्माण करण्याच्या प्रयत्नात आहे.
    याशिवाय, न्यूयॉर्कमध्ये पार पडलेल्या महासागर परिषदेत स्वीडन हा अभियानात सामील होत असल्याचे जाहीर करण्यात आले. स्वीडन या कार्यक्रमाच्या अंमलबजावणीसाठी वित्तपुरवठा देखील करणार आहे. स्वच्छ महासागरांच्या मोहिमेत सामील होण्याचा अर्थ असा की, स्वीडन 9 दशलक्ष स्वीडीश क्रोना (SEK) एवढा वित्तपुरवठा करणार.
    संयुक्त राष्ट्रसंघ पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) हा 5 जून 1972 रोजी स्थापन करण्यात आलेला संयुक्त राष्ट्रसंघाचा एक विभाग आहे, जे पर्यावरणविषयक धोरणे आणि पद्धती यांच्या अंमलबजावणीमध्ये मदत करते. याचे मुख्यालय नैरोबी (केनिया) येथे आहे.

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