करेंट अफेयर्स ६ एप्रिल २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
हिंदी
महाराष्ट्र कॉर्पोरेट धोखाधड़ी चार्ट में शीर्ष पर:
वित्तीय वर्ष 2017-18 में देश भर में कंपनियों के खिलाफ पंजीकृत कुल मामलों में 50% से अधिक मामले सिर्फ महाराष्ट्र में पंजीकृत किये गए हैं। एक आकलन के अनुसार, महाराष्ट्र में कॉर्पोरेट धोखाधड़ी पांच गुना बढ़ गई है।
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्राय के अंतर्गत काम करने वाली जाँच एजेंसी, गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, धोखाधड़ी के 109 मामले मार्च, 2018 तक पंजीकृत किए गए थे।
यह आँकड़ा कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत सभी राज्यों में पंजीकृत कुल 209 मामलों के आधे से अधिक है। राज्य ने वर्ष 2016-17 में 23 मामले दर्ज किए थे। 28 मार्च 2018 को एमसीए द्वारा यह डेटा जारी किया गया था।
एसएफआईओ ने कहा कि यह उछाल पिछले साल के दौरान शेल कंपनियों और बेनामी संपत्तियों के खिलाफ चलाये गए दो विशेष अभियानों के कारण है। पिछले साल एमसीए ने करीब 1.6 लाख कंपनियों पर वित्तीय विवरण दाखिल न करने की वजह से कड़ी कार्यवाही की थी।
प्रमुख तथ्य:
महाराष्ट्र के बाद दिल्ली का स्थान आता है, यहाँ से 34 मामले सामने आए हैं। इसके पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड का स्थान आता है। एसएफआईओ ने सभी राज्यों में पिछले तीन वर्षों में 575 मामले दर्ज किए हैं। एमसीए, कॉरपोरेट गवर्नेंस के लिए सख्त मानदंडों को निर्धारित करते हुए कंपनी अधिनियम के तहत धोखेबाजी को एक विशेष अपराध मानता है।
गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ):
गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) भारत में एक धोखाधड़ी जांच एजेंसी है। यह कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय, के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आती है। एसएफआईओ प्रमुख धोखाधड़ी जांचों में शामिल है और आयकर विभाग और केंद्रीय जांच ब्यूरो के साथ सहयोग करती है।
इसकी स्थापना कॉर्पोरेट प्रशासन पर नरेश चंद्रा समिति की सिफारिशों के आधार पर वर्ष 2003 में की गयी थी। इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में है। एजेंसी के 4 क्षेत्रीय कार्यालय हैदराबाद, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में हैं।
वित्तीय वर्ष 2017-18 में देश भर में कंपनियों के खिलाफ पंजीकृत कुल मामलों में 50% से अधिक मामले सिर्फ महाराष्ट्र में पंजीकृत किये गए हैं। एक आकलन के अनुसार, महाराष्ट्र में कॉर्पोरेट धोखाधड़ी पांच गुना बढ़ गई है।
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्राय के अंतर्गत काम करने वाली जाँच एजेंसी, गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, धोखाधड़ी के 109 मामले मार्च, 2018 तक पंजीकृत किए गए थे।
यह आँकड़ा कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत सभी राज्यों में पंजीकृत कुल 209 मामलों के आधे से अधिक है। राज्य ने वर्ष 2016-17 में 23 मामले दर्ज किए थे। 28 मार्च 2018 को एमसीए द्वारा यह डेटा जारी किया गया था।
एसएफआईओ ने कहा कि यह उछाल पिछले साल के दौरान शेल कंपनियों और बेनामी संपत्तियों के खिलाफ चलाये गए दो विशेष अभियानों के कारण है। पिछले साल एमसीए ने करीब 1.6 लाख कंपनियों पर वित्तीय विवरण दाखिल न करने की वजह से कड़ी कार्यवाही की थी।
प्रमुख तथ्य:
महाराष्ट्र के बाद दिल्ली का स्थान आता है, यहाँ से 34 मामले सामने आए हैं। इसके पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड का स्थान आता है। एसएफआईओ ने सभी राज्यों में पिछले तीन वर्षों में 575 मामले दर्ज किए हैं। एमसीए, कॉरपोरेट गवर्नेंस के लिए सख्त मानदंडों को निर्धारित करते हुए कंपनी अधिनियम के तहत धोखेबाजी को एक विशेष अपराध मानता है।
गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ):
गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) भारत में एक धोखाधड़ी जांच एजेंसी है। यह कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय, के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आती है। एसएफआईओ प्रमुख धोखाधड़ी जांचों में शामिल है और आयकर विभाग और केंद्रीय जांच ब्यूरो के साथ सहयोग करती है।
इसकी स्थापना कॉर्पोरेट प्रशासन पर नरेश चंद्रा समिति की सिफारिशों के आधार पर वर्ष 2003 में की गयी थी। इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में है। एजेंसी के 4 क्षेत्रीय कार्यालय हैदराबाद, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में हैं।
इंग्लिश
Maharashtra tops corporate fraud chart
According to Serious Fraud Investigation Office (SFIO); corporate fraud in Maharashtra has increased by 50% in 2017. SFIO is an agency working under Ministry of Corporate Affairs. 109 cases out of total 209 were registered in Maharashtra state. Other state such as Delhi and West Bengal have only 34 and 21 cases on their name. As Mumbai is understood as the financial capital of India, it becomes imperative for the authorities to ensure that corporate governance has high ethical norms.
What is corporate fraud?
An activity undertaken by an individual or company done in a dishonest way to gain additional gain or advantage, can be called corporate fraud.
Ex- Satyam Scam 2009 - Ramalinga Raju, the Chairman of Satyam Computer Services, confessed that he had falsified the company's accounts, inflating the revenue and profit. The fraud involved Rs 14,000 crore.
मराठी
कॉर्पोरेट घोटाळ्यांच्या बाबतीत महाराष्ट्र आघाडीवर
कॉर्पोरेट कल्याण मंत्रालयाच्या अंतर्गत काम करणार्या गंभीर घोटाळे अन्वेषण कार्यालयाने (SFIO) जाहीर केलेल्या आकडेवारीनुसार, कॉर्पोरेट घोटाळ्यांच्या बाबतीत महाराष्ट्रामध्ये पाच पटीने वाढ झाल्याचे आढळून आले आहे. देशभरातील कंपन्यांविरोधात दाखल करण्यात आलेल्या एकूण प्रकरणांपैकी सुमारे 50% हून अधिक प्रकरणांची नोंद महाराष्ट्रात झाली आहे.एकट्या महाराष्ट्रात मार्च 2018 पर्यंत फसवणूकीच्या 109 प्रकरणांची नोंदणी झाली. हे प्रमाण कंपनी अधिनियक-2013 च्या अंतर्गत संपूर्ण देशात नोंदविलेल्या एकूण 209 प्रकरणांच्या तुलनेत अर्ध्याहून अधिक आहे, जेव्हा की महाराष्ट्रात सन 2016-17 मध्ये 23 प्रकरणांची नोंद केली गेली.
ठळक बाबी
- अलीकडील क्रोल एन्यूयल ग्लोबल फ्रॉड अँड रिस्क रिपोर्ट 2017-18 अनुसार, भारतातील कंपन्यांमधील घोटाळे प्रकरणात 21% ने वाढ झाली आहे.
- याबाबतीत महाराष्ट्रानंतर दिल्ली दुसर्या क्रमांकावर आहे, जेथे 34 प्रकरणे आढळली आहेत. त्यापाठोपाठ पश्चिम बंगाल आणि उत्तराखंड आहेत.
- SFIO ने गेल्या तीन वर्षात 575 प्रकरणांची नोंद केली आहे.
मागील वर्षातील शेल कंपन्या (दुसर्या/फसव्या कंपनीच्या नावाखाली) आणि बेनामी मालमत्तेविरोधात करण्यात आलेल्या दोन विशेष मोहिमांमुळे याबाबतीत वेग वाढला आहे.
गेल्या वर्षी MCA ने आर्थिक विवरण न भरल्याबद्दल जवळपास 1.6 लाख कंपन्यांना बंद करण्याची घोषणा केली होती. या सर्वांचा राज्यातील नोंदणीकृत प्रकरणांवर परिणाम झाला आहे.
गंभीर घोटाळे अन्वेषण कार्यालय (SFIO) बाबत
भारत सरकारने बिगर-बँकिंग वित्तीय संस्थांची अयशस्वीतता, गायब होणार्या कंपन्यांसंबंधी घटना, प्लानटेशन कंपन्या आणि वर्तमान शेयर बाजार्यातील घोटाळे या पार्श्वभूमीवर कॉर्पोरेट घोटाळ्यांची तपासणी करण्यासाठी गंभीर घोटाळे अन्वेषण कार्यालय (SFIO) स्थापित करण्याचा निर्णय घेतला. 1 ऑक्टोबर 2003 पासून या संस्थेच्या कार्याला सुरुवात झाली.
No comments:
Post a Comment