करेंट अफेयर्स ७ एप्रिल २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
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साइबर हमलों के मामले में भारत तीसरा सबसे अधिक संवेदनशील देश:
सुरक्षा समाधान प्रदाता सिमेंटेक की एक रिपोर्ट के अनुसार, साइबर खतरों के जोखिम जैसे कि मैलवेयर, स्पैम और रैनसमवेयर से निपटने के मामले में, वर्ष 2017 में भारत तीसरे सबसे कमजोर देश के रूप में उभरा है।
प्रमुख तथ्य:
क्रिप्टोजैकिंग एक ऐसा तरीका है जिसमे हैकर आपके कंप्यूटर, स्मार्टफ़ोन की क्षमता का उपयोग करके क्रिप्टोकरंसी माइन करते हैं। इस तरीके में हैकर कंप्यूटर यूजर को बिना बताये बैकग्राउंड जावास्क्रिप्ट के जरिये आसानी से क्रिप्टोकरंसी कमाते हैं इसलिए लिए इसे क्रिप्टोजैकिंग कहा जाता है।
इस प्रोसेस में हैकर को आपके कंप्यूटर स्मार्टफोन में किसी भी तरह का अटैक नही करना पड़ता है। जब भी आप किसी असुरक्षित वेबसाइट पर होते हैं तब हैकर बैकग्राउंड में जावास्क्रिप्ट का इस्तेमाल करते हुए चोरी छुपे आपके कंप्यूटर, स्मार्टफोन के पॉवर का इस्तेमाल करते हुए क्रिप्टोकरंसी माइन करतें है। क्रिप्टोजैकिंग से बिटकॉइन जैसे क्रिप्टोकरंसी को माइन नही किया जाता है मोनेरो जैसे क्रिप्टोकरंसी को माइन किया जाता है।
सुरक्षा समाधान प्रदाता सिमेंटेक की एक रिपोर्ट के अनुसार, साइबर खतरों के जोखिम जैसे कि मैलवेयर, स्पैम और रैनसमवेयर से निपटने के मामले में, वर्ष 2017 में भारत तीसरे सबसे कमजोर देश के रूप में उभरा है।
प्रमुख तथ्य:
- वर्ष 2017 में, 5.09% वैश्विक खतरे भारत में पाए गए थे। वर्ष 2016 में यह आंकड़ा 5.11% था।
- इंटरनेट सिक्योरिटी थ्रेट रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका (26.61%) इस तरह के हमलों के मामले में सबसे अधिक संवेदनशील देश है। इसके बाद चीन (10.95%) का स्थान आता है।
- ग्लोबल थ्रेट रैंकिंग आठ तरह की मैट्रिक्स पर आधरित है। यह इस प्रकार हैं: मैलवेयर, स्पैम, फ़िशिंग, बॉट्स, नेटवर्क हमले, वेब हमले, रैनसमवेयर और क्रिप्टोमाइनर्स।
- रिपोर्ट के अनुसार, भारत स्पैम और बॉट्स द्वारा सबसे ज्यादा प्रभावित होने के मामले में दूसरे स्थान पर है जबकि नेटवर्क हमलों से प्रभावित होने के मामले में यह तीसरे और रैनसमवेयर से प्रभावित होने के मामले में चौथे स्थान पर है।
- रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि खतरे का परिदृश्य अधिक विविधतापूर्ण हो रहा है, हमलावरों ने हमले के नए रास्ते खोजने शुरू कर दिए हैं और उन्हें छुपाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
- साइबर अपराधी अब 'क्रिप्टोजैकिंग' पर कार्य कर रहे हैं। क्रिप्टोजैकिंग साइबर और व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए एक बढ़ता हुआ खतरा है।
क्रिप्टोजैकिंग एक ऐसा तरीका है जिसमे हैकर आपके कंप्यूटर, स्मार्टफ़ोन की क्षमता का उपयोग करके क्रिप्टोकरंसी माइन करते हैं। इस तरीके में हैकर कंप्यूटर यूजर को बिना बताये बैकग्राउंड जावास्क्रिप्ट के जरिये आसानी से क्रिप्टोकरंसी कमाते हैं इसलिए लिए इसे क्रिप्टोजैकिंग कहा जाता है।
इस प्रोसेस में हैकर को आपके कंप्यूटर स्मार्टफोन में किसी भी तरह का अटैक नही करना पड़ता है। जब भी आप किसी असुरक्षित वेबसाइट पर होते हैं तब हैकर बैकग्राउंड में जावास्क्रिप्ट का इस्तेमाल करते हुए चोरी छुपे आपके कंप्यूटर, स्मार्टफोन के पॉवर का इस्तेमाल करते हुए क्रिप्टोकरंसी माइन करतें है। क्रिप्टोजैकिंग से बिटकॉइन जैसे क्रिप्टोकरंसी को माइन नही किया जाता है मोनेरो जैसे क्रिप्टोकरंसी को माइन किया जाता है।
इंग्लिश
India third most vulnerable country to cyber threat
According to a report, India has emerged as the third most vulnerable country in terms of risk of cyber threats such as malware, spam and ransomware in 2017. The report was released by Symantec, a security solutions provider company.
In 2017, 5.09% of global threats detected were in India, slightly less than 5.11% in 2016. The US (26.61%) was first and China was second in the list.
Biggest Cyber Attacks in 2017
Some of the cyber-attacks such as Ransomware and Wannacry created a havoc in the global system and cybersecurity has emerged as the most important aspect of national security.
Indian Governemnt Responses:
The " Cyber Swachhta Kendra " (Botnet Cleaning and Malware Analysis Centre) is a part of the Government of India's Digital India initiative under the Ministry of Electronics and Information Technology (MeitY) to create a secure cyber space by detecting botnet infections in India and to notify, enable cleaning and securing systems of end users so as to prevent further infections.
मराठी
सायबर हल्ल्याच्या बाबतीत भारत तिसरा सर्वात असुरक्षित देश ठरतो
सुरक्षा समाधान प्रदाता संस्था ‘सिमेंटेक’ च्या ‘इंटरनेट सिक्युरिटी थ्रेट’ अहवालानुसार, सायबर धोक्यांमधील जोखीम जसे मालवेयर, स्पॅम आणि रॅनसमवेयर यांच्या प्रकरणात, 2017 साली भारत तिसरा सर्वात असुरक्षित देश म्हणून समोर आला आहे.मुख्य बाबी
- हा अहवाल आठ प्रकारच्या हल्ल्यांवर आधरित आहे, ते आहेत - मालवेयर, स्पॅम, फिशिंग, बॉट्स, नेटवर्क हल्ले, वेब हल्ले, रॅनसमवेयर आणि क्रिप्टोमाइनर्स.
- 2017 साली 5.09% वैश्विक धोके भारतात आढळून आले होते. 2016 साली ही आकडेवारी 5.11% होती.
- अमेरिका (26.61%) या सायबर हल्ल्यांच्या बाबतीत सर्वाधिक असुरक्षित देश आहे. त्यानंतर चीन (10.95%) चे स्थान आहे.
- अहवालानुसार, भारत स्पॅम आणि बॉट्स यांच्याद्वारे प्रभावित होण्याच्या बाबतीत दुसर्या क्रमांकावर आहे, जेव्हा की नेटवर्क हल्ल्याच्या बाबतीत तिसरा आणि रॅनसमवेयरमुळे प्रभावित होण्याच्या बाबतीत चौथ्या क्रमांकावर आहे.
- सायबर गुन्हेगार आता 'क्रिप्टजॅकिंग' वर कार्य करीत आहेत. क्रिप्टोजॅकिंग सायबर आणि वैयक्तिक सुरक्षेसाठी एक वाढता धोका आहे.
क्रिप्टोजॅकिंग एक अशी पद्धत आहे, ज्यामध्ये हॅकर आपल्या कंप्यूटर, स्मार्टफोनच्या क्षमतेचा वापर करून क्रिप्टोकरंसी माइन करतात. या पद्धतीने हॅकर कंप्यूटर वापरकर्त्याला विना कळवता बॅकग्राउंड जावास्क्रिप्टच्या माध्यमातून सहजरीत्या क्रिप्टोकरंसी कमावतात, म्हणून याला क्रिप्टोजॅकिंग म्हणतात.
या पद्धतीत हॅकरला आपल्या कंप्यूटरमध्ये कोणताही हल्ला करावा लागत नाही. जेव्हा कधी आपण एखाद्या असुरक्षित संकेतस्थळावर भेट देतो, तेव्हा हॅकर आपले काम करतो.
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