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    Saturday, February 3, 2018

    संकटग्रस्त देशों में सबसे अधिक युवा निरक्षर: यूनिसेफ Youngsters in countries with conflict 3 times more illiterate: UNICEF करेंट अफेयर्स ३ फरवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी

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    करेंट अफेयर्स ३ फरवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी



    हिंदी


    संकटग्रस्त देशों में सबसे अधिक युवा निरक्षर: यूनिसेफ
    युद्धग्रस्त और आपदाग्रस्त देशों में 15 से 24 वर्ष की आयु के करीब 30 फीसदी युवा अनपढ़ हैं जो वैश्विक दर से तीन गुना अधिक है। संयुक्त राष्ट्र की बच्चों के लिए काम करने वाली एजेंसी यूनीसेफ ने एक नए अध्ययन में कहा कि पांच करोड़ 90 लाख युवाओं में से लड़कियां शिक्षा से सबसे ज्यादा वंचित हैं।
    यूनिसेफ की कार्यकारी अध्यक्ष हेनरीटा एच फोर ने एक विज्ञप्ति जारी करके कहा है कि संर्घषग्रस्त और आपदाग्रस्त देशों में हर 10 में से तीन युवा अशिक्षित हैं।
    प्रमुख तथ्य:
    लड़कियों की स्थिति अधिक बदतर है। और जहां आपात स्थिति वाले देशों में 24 प्रतिशत युवक बुनियादी शिक्षा भी हासिल नहीं कर पाते वहीं इस मामले में लड़कियों का प्रतिशत 33 है।
    इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि संघर्षग्रस्त और आपदाग्रस्त देशों में बच्चों की शिक्षा और उनके भविष्य तथा उन देशों की अर्थव्यवस्थाओं एवं समाज की स्थिरता एवं विकास पर कितना बुरा असर पड़ रहा है। एक अशिक्षित बच्चा एक निरक्षर युवा के तौर पर बड़ा होता है और उसके संघर्ष से अलग रहने अथवा आपदाओं से प्रभावित नहीं होने का अवसर बहुत कम होता है।
    संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, विज्ञान एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की ओर से 27 आपात स्थिति वाले देशों से जुटाये गये आंकड़ों के मुताबिक नाइजर, चाड, दक्षिण सूडान और मध्य अफ्रीकन रिपब्लिक जैसे देशों में अस्थिरता और बेहद गरीबी का इतिहास काफी पुराना है।
    इन देशों में 15 से 24 वर्ष के बीच के युवाओं की निरक्षरता की दर क्रमश: 76 प्रतिशत, 69 प्रतिशत, 68 प्रतिशत और 64 प्रतिशत है। वैश्विक स्तर पर यह संख्या 5.9 करोड़ है। इन आंकड़ों को सुधारने के लिए शैक्षणिक कार्यक्रमों के लिए पर्याप्त राशि सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
    वर्तमान में मानवीय सहायता के लिए जुटायी जा रही राशि का महज 3.6 प्रतिशत आपात स्थिति वाले देशों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने में खर्च किया जा रहा है। यूनिसेफ के अनुमान के मुताबिक अगले चार वर्षों में वह शैक्षणिक कार्यक्रमों पर लगभग एक अरब डॉलर की राशि खर्च करेगा।


    इंग्लिश


    Youngsters in countries with conflict 3 times more illiterate: UNICEF
    UN children’s agency reported that nearly 30 per cent of young people between the ages of 15 and 24 in countries affected by conflict and disaster are illiterate, triple the global rate. Among these 59 million young people, girls are at the biggest disadvantage when it comes to getting an education.
    Niger, Chad, South Sudan and Central African Republic – all countries with a long history of instability and high levels of poverty – are home to the highest illiteracy rates among young people with 76 per cent, 69 per cent, 68 per cent and 64 per cent of 15 to 24 year olds, respectively, unable to read or write.
    In West and Central Africa, home to emergency countries with the highest rates of illiteracy among youth at 39 per cent and where the third replenishment conference will be hosted, UNICEF works with a range of partners to help children learn despite conflict and insecurity.
    The analysis also notes that girls and young women are at the biggest disadvantage when it comes to reading and writing, with 33 per cent of them in emergency countries failing to learn even the basics, compared to 24 per cent of boys.
    UNICEF said that despite the critical importance of schooling for boys and girls, only 3.6 per cent of humanitarian funding goes toward providing education for children living in emergencies, making it one of the least funded sectors in humanitarian appeals.  Overall, the agency estimates it will spend approximately USD 1 billion a year on education programs over the next four years.
    UNICEF urged governments and other partners to provide young children with access to quality early education programs, offer illiterate young people the opportunity to learn to read and write, and increase investment in education, particularly for the most disadvantaged.




    मराठी


    देशांतील संघर्षामध्ये सहभागी 10 पैकी 3 तरुण अशिक्षित आहेत: UNICEF

    UNICEF च्या एका अभ्यासानुसार असे आढळून आले आहे की, संघर्षाने ग्रस्त आणि आपत्तीग्रस्त देशांमध्ये 15-24 वर्षे वयोगटातील दर 10 पैकी 3 (म्हणजेच 30%) तरुण अशिक्षित आहेत आणि त्यामुळे वंचित बालक व युवांसाठी शिक्षण क्षेत्रात मोठी गुंतवणूक करण्याची आवश्यकता भासत आहे.
    वर्तमान जागतिक परिस्थिती
    • आपत्कालीन स्थितीत असलेल्या देशांमध्ये 24% तरुण मुलांना मूलभूत शिक्षणही मिळत नाही, तर मुलींच्या बाबतीत हे प्रमाण 33% आहे.
    • संघर्षाने ग्रस्त आणि आपत्तीग्रस्त देशांमध्ये लहान मुलांचे शिक्षणा आणि त्यांचे भवितव्य तसेच त्या देशांची अर्थव्यवस्था व समाज यांची स्थिरता व विकास यावर अत्याधिक गंभीर परिणाम दिसून येत आहेत.
    • संयुक्त राष्ट्रसंघ शैक्षणिक, विज्ञान व सांस्कृतिक संघटना (UNESCO) कडील 27 आपत्तीग्रस्त देशांसंबंधित महितीनुसार, नायजर, चाड, दक्षिण सूदान आणि मध्य आफ्रिका प्रजासत्ताक यांसारख्या देशांमध्ये अस्थिरता आणि अतीव दारिद्य अजूनही दिसून येत आहे. या देशांमध्ये 15-24 वर्ष वयोगटातील तरुणांमधील निरक्षरता दर अनुक्रमे 76%, 69%, 68% आणि 64% आहे.
    • वर्तमानात मानवता कार्यांसाठीच्या मदतीसाठी जमविण्यात येणार्‍या निधीच्या फक्त 3.6% आपत्तीग्रस्त देशांमधील बालकांना शिक्षण प्रदान करण्यात खर्च केला जात आहे.
    UNICEF ने देशांच्या सरकारांना आणि इतर भागीदारांना ही समस्या प्रभावीपणे हाताळण्यासाठी पुढील बाबींचा आग्रह केला आहे -
    • तरुण मुलांच्या विकासास चालना देण्यासाठी आणि त्यांच्या बालपणात शिक्षण सुरू ठेवण्यासाठी दर्जेदार प्रारंभिक शिक्षण कार्यक्रमांमध्ये प्रवेश प्रदान करणे.
    • अशिक्षित तरुणांना शिकण्याची संधी उपलब्ध करून देणे आणि खास त्यांच्यासाठी तयार केलेल्या पर्यायी शिक्षणाद्वारे त्यांचे शिक्षण पुढे चालू ठेवणे.
    • शिक्षणात विशेषतः सर्वात वंचित बालकांसाठी आणि तरुणांसाठी वाढीव गुंतवणूक करणे.
    • परिस्थिती सुधारण्यासाठी शैक्षणिक कार्यक्रमांसाठी पुरेसा निधी सुनिश्चित करणे महत्त्वपूर्ण आहे.


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