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    Monday, January 1, 2018

    आइये बिटकॉइन्स की ए बी सी डी को समझें: Current affairs 1 January 2018 - Hindi / English / Marathi

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    Current affairs 1 January 2018 - Hindi / English / Marathi



    Hindi



    आइये बिटकॉइन्स की  बी सी डी को समझें:

    वर्तमान समय में क्रिप्टोकरेंसी या वर्चुअल करेंसी का चलन तेजी से आगे बढ़ रहा है। हाल ही में देश का पहला बिटकॉइन ट्रेडिंग ऐप लॉन्च हो गया है। मोबाइल आधारित ऐप्लिकेशन प्लूटो एक्सचेंज 28 दिसंबर 2017 को लॉन्च हुआ। अब बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी (वर्चुअल करंसी) का लेन-देन ऐप के जरिए किया जा सकता है।
    प्लूटो एक्सचेंज की स्थापना भरत वर्मा द्वारा 2017 में की गई। प्लूटो एक्सचेंज एक एप सक्षम क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट प्रदाता कंपनी है जिसका मुख्यालय दुबई में है तथा आईटी विभाग दिल्ली में है।

    बिटकाइन क्या है?

    बिटकाइन एक विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा है। यह पहली विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा है जिसका अर्थ है की यह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा नहीं संचालित होती। कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान हेतु इसे निर्मित किया गया है। इसका विकास सातोशी नकामोतो नामक एक अभियंता ने किया है। सातोशी का यह छद्म नाम है।
    सामूहिक संगणक जाल पर पारस्परिक भुगतान हेतु कूट-लेखन द्वारा सुरक्षित यह एक नवीन मुद्रा है। अंकीय प्रणाली से बनाई गई यह मुद्रा अंकीय पर्स में ही रखी जाती है। इसकी शुरुआत 03 जनवरी 2009 को हुई थी। यह विश्व का प्रथम पूर्णतया खुला भुगतान तंत्र है।
    इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि कोई इसकी नकल नहीं कर सकता है। इनको किसी भी देश में पेमेंट के विकल्प के तौर पर खर्च किया जा सकता है। इसका सबसे बड़ा नुकसान ये है कि अगर आपका कंप्यूटर हैक हो गया तो ये रिकवर नहीं होगी। इनके चोरी होने पर आप कहीं शिकायत नहीं कर सकते हैं।
    बिटकॉइन का न्यूयॉर्क में मूल्य साल 2016 में करीब 1,600 फीसदी बढ़ा है और वर्तमान में इसका मूल्य लगभग 15,000 डॉलर है। भारत में, एक बिटकॉइन की कीमत 10 लाख रुपये है और लोग इसे खरीदने में 3,000 रुपये से लेकर कई लाख रुपये तक का निवेश कर रहे हैं।

    अन्य क्रिप्टोकरेंसियां:

    बिटकॉइन के अलावा लाइट कॉयन, नेम कॉयन, रिपल, इथेरम, एनईएम, इथेरम क्लासिक, डेश, मोनेरो, जेड कैश और पीपी कॉयन जैसी 1000 क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं।

    रिज़र्व बैंक की चेतावनी:

    भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 24 दिसम्बर 2013 को बिटकॉइन जैसी वर्चुअल मुद्राओं के सम्बन्ध में एक प्रेस प्रकाशनी जारी की गयी थी। इसमें कहा गया था कि इन मुद्राओं के लेन-देन को कोई अधिकारिक अनुमति नहीं दी गयी है और इसका लेन-देन करने में कईं स्तर पर जोखिम है। 1 फरवरी 2017 और 5 दिसम्बर 2017 को रिजर्व बैंक ने पुन: इसके बारे में सावधानी जारी की थी।
    कई अर्थशास्त्रियों द्वारा बिटकॉइन को पोंज़ी स्कीम घोषित किया गया है।

    उर्जा की खपत:

    बिटकॉइन की माइनिंग में उपयोग होने वाली बिजली के कारण भी इसकी आलोचना की गयी है। एक बिटकॉइन के संचालन सौदे में अनुमानित 300 kwh बिजली लगती है जो 36000 केतलियों में पानी गर्म करने में लगनी वाली उर्जा के बराबर है।

    English



    Let’s understand ABCD of bitcoins
    What is bitcoin
    • Bitcoin is a digital currency known as a cryptocurrency.  Bitcoins can be stored in a digital wallet and used to buy other currencies or real world goods.
    • You can pay bitcoin to someone else and there's no bank to go through to make that transaction, just a peer-to-peer networked program on your computer.
    • The thing about bitcoin that is exciting the financial world is the underlying technology that makes cryptocurrencies possible — the blockchain. The blockchain is essentially a public ledger of all the transactions ever made in the currency and keeps a record of which user owns what coins.
    The rapid rise in the price of bitcoin and other cryptocurrencies has attracted the attention of investors, financial companies, regulators, and the media alike. There are a few reasons for that. First, there is a lot of technical language involved, particularly if you’re trying to understand how the software works. Also, many cryptocurrencies are experimental open-source projects and there is disagreement about how they should evolve among developers, miners, and early investors who have large holdings, and therefore a lot of influence.
    From a market cap perspective, Bitcoin is far and away the largest. With Bitcoin, the original developer Satoshi Nakamoto set out to create a “peer-to-peer electronic cash system.  People that track the Bitcoin network’s early activity estimate that whoever Satoshi Nakamoto actually is holds roughly 1 million bitcoin, worth approximately $18.6 billion based on recent prices.

    Crypto currency:

    Unlike traditional currencies, they are not controlled by any central government or authority. In the case of some of them (Bitcoin, Monero, and Litecoin for example), the supply of new coins is controlled by a process called mining, a computationally intensive process where computers (mining nodes) compete against each other to secure the network by solving mathematical equations, collecting bitcoins as a reward if they are the first to create a new valid block, which is then broadcasted to the rest of the network and added to the blockchain.



    Marathi


    बिटकॉइन आणि क्रिप्टोकरंसी म्हणजे काय?

    आज अर्थजगतात बिटकॉइन किंवा ‘क्रिप्टोकरंसी किंवा डिजिटल करंसी या शब्दांचा उल्लेख होत असल्याचे दिसून येत आहे. नेमका याचा अर्थ तर काय हे आज आपण जाणून घेऊयात.
    बिटकाइनचा विकास ‘सातोशी नकामोतो’ नामक एका अभियंताने केलेला आहे. याची सुरुवात 3 जानेवारी 2009 रोजी झाली. आज जगभरात 1 कोटीहून अधिक बिटकॉइन आहेत.
    प्रत्येक देशाचे एक चलन असते, ज्यामधून त्या देशामध्ये आणि विदेशी चलनाच्या स्वरुपात इतर देशांमध्ये व्यवहार आणि व्यापार चालू असतो. त्यासाठी त्या देशात एक केंद्रीय बँक असते, जी ते चलन नियंत्रित करते.
    बिटकॉइन हे कोणत्याही देशाचे चलन नाही. हे एक डिजिटल (आभासी) चलन म्हणजेच क्रिप्टोकरंसी आहे, त्यामुळे ते कोणत्याही बँकेत ठेवले जात नाही.
    अर्थजगतात बिटकॉइन सारखेच आणखी अनेक चलन आहेत. बिटकॉइन प्रमाणेच लाइट कॉयन, नेम कॉयन, रिपल, इथेरम, NEM, इथेरम क्लासिक, डेश, मोनेरो, जेड कॅश, पीपी कॉयन यासारख्या 1000 क्रिप्टोकरंसी अस्तित्वात आहेत.
    क्रिप्टोकरंसीची प्रक्रिया
    क्रिप्टोकरंसीची खरेदी जो प्रथम करतो त्याला यामध्ये अधिक लाभ असतो. म्हणजेच गुंतवणूकदारांकडून गुंतवण्यात येणारी रक्कम उच्च लाभासकट वापस मिळविण्याचे स्वरूप दिले जाते आणि हा लाभ जुन्या गुंतवणूकदारांना नव्या गुंतवणूकदारांकडून केल्या जाणार्‍या पैश्यांमधून प्रदान केला जातो. अश्या परिस्थितीत पैश्याच्या आगमनावर त्याचे निर्गमन आणि त्याची किंमत अवलंबून असते. निर्गमन अधिक झाल्यास गुंतवणुकीची ही संपूर्ण व्यवस्था कोसळते.
    क्रिप्टोकरंसीचे लाभ
    • क्रिप्टोकरंसीमध्ये ‘क्रिप्टोग्राफी’ तंत्राचा उपयोग करतात. याच्या माध्यमातून वस्तूंची खरेदी केली जाऊ शकते तसेच याची अधिक किंमतीत विक्री करून पैसेही प्राप्त केले जाऊ शकतात.
    • याचा सर्वात मोठा फायदा हा असतो की कोणीही याची नक्कल करू शकत नाही. याला कोणतीही सरकार प्रस्तुत करीत नसल्याने याचे कोणतेही नियामक नाही. याला कोणत्याही देशात देयकाच्या पर्यायाखातर खर्च केले जाऊ शकते.
    क्रिप्टोकरंसीचे तोटे
    • जर आपला संगणक हॅक केला गेला, पासवर्ड विसरल्यास किंवा संगणकीय मालवेयरचा हल्ला झाला, तर आपल्या खात्यातील बिटकॉइन प्रत प्राप्त केले जाऊ शकत नाहीत आणि याचे नियामक नसल्याने याबाबत आपण कोणाकडेही तक्रार करू शकत नाही.
    • क्रिप्टोकरंसीच्या बाबतीत होणारे व्यवहार शोधले जाऊ शकत नाहीत.
    • बिटकॉइनची कोणतीही 'वास्तविक किंमत' नाही. त्याची किंमत पुर्णपणे अंदाजावर आधारित असते.
    याला गुप्त ठेवले जात असल्यामुळे, त्याचा उपयोग घोटाळे, हेराफेरी, टॅक्सचोरी आणि काळापैसा याबाबतीतही होऊ शकतो, जो राष्ट्राहिताच्या विरोधात वापरला जाऊ शकतो.
    भारत सरकारने याला कोणताही अधिकृत दर्जा दिलेला नाही आणि याची तुळणा पोंजी स्कीम (बेइमान) सोबत केलेली आहे.   


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