Current affairs 11 January 2018 - Hindi / English / Marathi
Hindi
कृषि एवं वानिकी पर चौथी आसियान-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक का संयुक्त प्रेस वक्तव्य:
12 जनवरी, 2018 को आसियान देशों के कृषि मंत्रियों तथा भारत सरकार के केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने नई दिल्ली, भारत में कृषि एवं वानिकी पर चौथी आसियान-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक का आयोजन किया।
इस बैठक की सह-अध्यक्षता थाईलैंड के कृषि एवं सहकारिता मंत्री माननीय ग्रिसड बूनराच एवं भारत सरकार के केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री माननीय राधा मोहन सिंह द्वारा की गई।
उद्देश्य:
यह आयोजन पशुपालन एवं मछली पालन समेत खाद्य, कृषि में आसियान-भारत सहयोग को और गहराई प्रदान करने तथा बढ़ाने एवं साथ ही साथ 2015 के बाद टिकाऊ विकास लक्ष्यों और संयुक्त राष्ट्र शून्य भूख चुनौती संबंधित लक्ष्य अर्जित करने में योगदान देने की दिशा में सहायता करेगा।
प्रमुख तथ्य:
बैठक में शांति, प्रगति एवं साझा समृद्धि के लिए आसियान-भारत साझेदारी को कार्यान्वित करने हेतु आसियान-भारत कार्ययोजना (पीओए) 2011-15 के क्रियान्वयन में की गई प्रगति को लेकर संतुष्टि व्यक्त की गयी।
"क्षमता निर्माण, प्रौद्योगिकी अंतरण एवं कृषि में वैश्विक क्षमता के लिए परस्पर रूप से सहमत विकास एवं अनुसंधान” पर कार्ययोजना के तहत 2013-15 के दौरान क्षमता निर्माण के चार कार्यकलापों - (1) कृषि विस्तार के लिए आईटी ऐप्लीकेशन (ई-विस्तार), (2) राष्ट्रीय बीज गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली, (3) फलों एवं सब्जियों के लिए जैविक प्रमाणन एवं (4) सीमापार पशुरोगों के नैदानिकी हेतु पारंपरिक एवं आण्विक तकनीकों का कार्यान्वयन किया गया।
प्रजनक जैव-प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए भैंस प्रजनन पर प्रशिक्षण का भी परिचालन किया गया।
बैठक में सहकारिता के माध्यम से आसियान एवं भारतीय महिलाओँ के सशक्तिकरण पर 2018 में अधिक क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के कार्यान्वयन तथा खाद्य सुरक्षा एवं मूल्यों में तेज उतार-चढ़ाव को प्रबंधित करने की उम्मीद की गयी है।
एसओएम एएमएएफ एवं भारत द्वारा 2016-20 के लिए कृषि एवं वानिकी में आसियान-भारत सहयोग के लिए मध्यावधिक कार्ययोजना का अनुमोदन भी दर्ज किया। जलवायु परिवर्तन पर ध्यान देने के महत्व को रेखांकित किया गया।
युवकों एवं महिला कृषकों समेत आसियान और भारतीय किसानों एवं मछुआरों के लिए अवसर उपलब्ध कराने और सूचनाओं को साझा करने के द्वारा अधिक प्रभावी कृषि प्रचलनों एवं प्रबंधन कौशलों को सीखने एवं उनका विकास करने के लिए आसियान एवं भारत में किसानों के लिए तीसरे आदान-प्रदान दौरों के कार्यान्वयन की उम्मीद की गयी।
वर्ष 2019 में ब्रूनेई दारूशलम में कृषि एवं वानिकी पर पांचवे आसियान-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक का आयोजन किया जाएगा।
English
Joint Press Statement of 4th ASEAN-India Ministerial Meeting on Agriculture and Forestry
The 4th ASEAN-INDIA Ministerial Meeting on Agriculture and Forestry begun at NASC Complex, New Delhi, on 11 January 2018. India and ASEAN nations today agreed to jointly work to mitigate the challenges of climate change, enhance livelihood opportunities through agro-forestry, exchange farm machineries and develop heterotic rice hybrids.
Aim:
The meeting has an objective to ease the promotion of joint research for development of technologies for increasing production and productivity of crops, livestock, fisheries, and natural resources management, among others, in the region as well as in development of joint ventures, exchange of technologies, expertise and material.
Highlights of the meet:
- During the meet, India’s Agriculture Minister Radha Mohan Singh mentioned that a comprehensive ASEAN-India work plan for strengthening cooperation in food, agriculture and forestry is already in operation for the 2016-2020 period.
- India and ASEAN in their joint declaration agreed to prioritise the joint projects in three key areas. They include: agroforestry interventions for livelihood opportunities, demonstration and exchange of farm implement and machinery and thirdly focus on genetic improvement of parental lines and development of heterotic rice hybrids. Secondly, cooperation on exchanging expertise as to promote enhanced resilience on natural systems and improve the adaptive capacities of people to cope with environmental hazards.
- They also agreed on third exchange visit in order to provide opportunities for ASEAN and Indian farmers and fishermen to learn and develop more efficient farming practices and management skills through information sharing.
Marathi
दिल्लीत कृषी व वनीकरण विषयावरील चौथी ‘ASEAN-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक संपन्न
12 जानेवारी 2018 रोजी ASEAN देशांचे आणि भारत सरकारचे कृषी मंत्र्यांनी नवी दिल्लीत एकत्र जमून कृषी व वनीकरण विषयावर चौथी ‘ASEAN-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक’ संपन्न झाली.पशुपालन व मत्स्यपालन सोबतच खाद्य, कृषी या क्षेत्रांमध्ये ASEAN देशा आणि भारताचे सहयोग अधिक व्यापक करणे तसेच 2015 सालच्या नंतर शाश्वत विकास लक्ष्य आणि संयुक्त राष्ट्रसंघ शून्य भूखमरी आव्हानांना संबोधित करणारे लक्ष्य अर्जित करण्यात योगदान देण्याच्या दिशेने सहकार्य चालविणे, हा या बैठकीचा उद्देश्य होता.
ASEAN-भारत भागीदारीचा आढावा
- ASEAN-भारत कृतीयोजना (POA) 2011-15 च्या क्रियान्वयनामध्ये केल्या गेलेल्या प्रगतीवर संतुष्टी मानण्यात आली.
- "क्षमता निर्माण, तंत्रज्ञान हस्तांतरण व कृषी क्षेत्रांमध्ये वैश्विक क्षमतेसाठी परस्पर रूपात सहमत विकास व संशोधन” यावरील कृतीयोजनेंतर्गत सन 2013-15 या काळात कृषीक्षेत्रात विस्तारासाठी माहिती तंत्रज्ञान आधारित उपयोगिता (ई-विस्तार), राष्ट्रीय बियाणे गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली, फळे व भाज्या यांसाठी जैविक प्रमाणन आणि सीमापार पशुरोगांच्या निदानासाठी पारंपरिक व आण्विक तंत्रज्ञानांचे कार्यान्वयन या क्षमता निर्माणासंदर्भात चार कार्ये केली गेली.
- प्रजनन जैव-तंत्रज्ञानाचा उपयोग करत म्हशीच्या प्रजननासंबंधी प्रशिक्षण आयोजित केले गेले.
- सन 2016-2020 या कालावधीसाठी अन्न, कृषी आणि वनीकरणामध्ये सहकार्य मजबूत करण्यासाठी एक व्यापक ASEAN-भारत कृतीयोजना आधीच सुरू आहे.
- भारत आणि ASEAN राष्ट्रांनी एकत्रितपणे हवामान बदलांच्या आव्हानांचे उपशमन करण्यासाठी, कृषी-वनीकरणाच्या माध्यमातून रोजगाराच्या संधी वाढवण्यासाठी, कृषी यंत्रांची देवाणघेवाण करण्यासाठी आणि हेटरोटीक तांदूळाचे संकरित प्रकार विकसित करण्यासाठी एकत्र कार्य करण्यास मान्य केले गेले.
- ASEAN आणि भारतीय महिलांच्या सक्षमीकरणासाठी वर्ष 2018 दरम्यान अधिक क्षमता निर्माण कार्यक्रमांच्या अंमलबजावणीसोबतच अन्नसुरक्षा आणि किंमत अस्थिरतेचे व्यवस्थापन करण्याच्या संयुक्त प्रयत्न करण्यास आवाहन केले गेले.
- भारत आणि ASEAN देशांनी त्यांच्या संयुक्त घोषणापत्रात तीन प्रमुख क्षेत्रांत संयुक्त प्रकल्पांना प्राधान्य देण्यास सहमती दिली. ते आहेत –
- आजीविकेच्या संधी निर्माण करण्यासाठी कृषी-वनीकरण हस्तक्षेप करणे.
- शेतीची अंमलबजावणी आणि यंत्रणेसंबंधी प्रात्यक्षिक व देवाणघेवाण करणे.
- मूळ वाणाच्या ओळींची आनुवांशिक सुधारणा आणि हेटेरोटीक तांदूळाच्या संकरित विकासावर लक्ष केंद्रित करणे.
- माहिती सामायिक करण्यामधून अधिक कार्यक्षम शेतीपद्धती आणि व्यवस्थापन कौशल्ये शिकण्यासाठी आणि विकसित करण्यासाठी ASEAN आणि भारतातील शेतकरी आणि मच्छिमारांना संधी प्रदान करण्याच्या हेतूने तिसरी आदानप्रदान भेट आयोजित करण्यास मान्य केले गेले.
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