करेंट अफेयर्स २१ जनवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
उपराष्ट्रपति ने कृषि को व्यावहारिक और लाभकारी बनाने के लिए 12 पहलों को रेखांकित किया:
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि यद्यपि कृषि अधिकतर भारतीयों की मुख्य आजीविका है, परंतु किसानों को यह व्यवसाय आकर्षक नहीं लगता क्योंकि इसमें आय तथा उत्पादकता कम है। उन्होंने आज बेंग्लुरु में सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन संस्थान में 14वां डॉ. वी. के. आर. वी. स्मृति व्याख्यान देते हुए यह कहा।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि तीव्र, समावेशी और सतत विकास की रणनीतियों को किसानों की समस्याओं को हल करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ई-नाम और मृदा स्वास्थ्य कार्ड जैसी सरकारी पहलों से किसानों को उत्पादकता में सुधार करने और बेहतर लाभ प्राप्त करने की दिशा में मदद मिल रही हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के निवेशों में बढ़ोतरी की आवश्यकता है। हमें इस बात की जरूरत है कि दीर्घकालीन और मध्यकालीन कार्य योजना बनाएं, जिनके तहत निजी और सार्वजनिक निवेशों को लामबंद किया जा सके। हमें रणनीतिक दिशाएं भी तय करनी होंगी, ताकि इस क्षेत्र को दोबारा ऊर्जावान बनाया जा सके।
किसानों की उत्पादकता और उनके लाभार्जन के लिए उपराष्ट्रपति ने 12 पहलों को रेखांकित किया है:
Vice President outlines 12 initiatives to make agriculture viable and remunerative
The Vice President of India, Shri M Venkaiah Naidustated that though Farming is one among the most productive and crucial occupation in India, still farmers are finding the profession unattractive because of low and stagnated income and productivity.
The Vice President said that strategies for faster, inclusive and sustainable growth must address the issues faced by farmers.
Government initiatives like Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana, the Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY), e-NAM and Soil Health Cards are helping the farmers to improve productivity and get better returns. Further, he stated that initiatives like the Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana are required for addressing the risks in livestock sector.
Currently, India holds top position in the production of many crops. It has the highest milk production in the world and has seen many transformative changes as it ushered in green, white, blue and yellow revolutions.
The Vice President has outlined twelve initiativesthat will help to raise the productivity and generate sufficient returns to the farmers.
या 12 पुढाकारांमध्ये पुढील बाबींचा समावेश आहे -
हिंदी
उपराष्ट्रपति ने कृषि को व्यावहारिक और लाभकारी बनाने के लिए 12 पहलों को रेखांकित किया:
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि यद्यपि कृषि अधिकतर भारतीयों की मुख्य आजीविका है, परंतु किसानों को यह व्यवसाय आकर्षक नहीं लगता क्योंकि इसमें आय तथा उत्पादकता कम है। उन्होंने आज बेंग्लुरु में सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन संस्थान में 14वां डॉ. वी. के. आर. वी. स्मृति व्याख्यान देते हुए यह कहा।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि तीव्र, समावेशी और सतत विकास की रणनीतियों को किसानों की समस्याओं को हल करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ई-नाम और मृदा स्वास्थ्य कार्ड जैसी सरकारी पहलों से किसानों को उत्पादकता में सुधार करने और बेहतर लाभ प्राप्त करने की दिशा में मदद मिल रही हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के निवेशों में बढ़ोतरी की आवश्यकता है। हमें इस बात की जरूरत है कि दीर्घकालीन और मध्यकालीन कार्य योजना बनाएं, जिनके तहत निजी और सार्वजनिक निवेशों को लामबंद किया जा सके। हमें रणनीतिक दिशाएं भी तय करनी होंगी, ताकि इस क्षेत्र को दोबारा ऊर्जावान बनाया जा सके।
किसानों की उत्पादकता और उनके लाभार्जन के लिए उपराष्ट्रपति ने 12 पहलों को रेखांकित किया है:
- पहली, बेहतर बीजों का इस्तेमाल ताकि उत्पादकता में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हो।
- दूसरी, कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए उर्वरकों का संतुलित इस्तेमाल जरूरी।
- तीसरी, सीमान्त और छोटे किसानों द्वारा नवाचार अपनाने की दिशा में सामयिक संस्थागत ऋण मुख्य भूमिका निभाता है।
- चौथी, दुग्ध पालन, मछली पालन और मुर्गी पालन जैसी संबंधित गतिविधियों के साथ खेती को जोड़ना और विस्तार करना। इस कदम से किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान होता है।
- पांचवी, भारत में खेती के यंत्रीकरण को बढ़ाना होगा।
- छठवीं, कृषि गतिविधियों को तेज करने और कृषि को बागवानी से जोड़ने तथा पहाड़ में कृषि के यंत्रीकरण से किसानों की आय बढ़ सकती है।
- सातवीं, कृषि आधारित उद्योगों के प्रोत्साहन के मद्देनजर ईको-प्रणाली को मजबूत करना होगा।
- आठवीं, पानी के इस्तेमाल के प्रति बेहतर समझ बनानी होगी।
- नौवीं, किसानों को उपभोक्ता मूल्य के बड़े हिस्से को समझना होगा।
- दसवीं, हमें भू-नीति में मूलभूत सुधारों पर गौर करना होगा।
- ग्यारहवीं, हमें जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर कृषि गतिविधियों को विकसित करने की जरूरत है।
- बारहवीं, ज्ञान को साझा करने की प्रक्रियाओं को दुरुस्त करना होगा।
इंग्लिश
Vice President outlines 12 initiatives to make agriculture viable and remunerative
The Vice President of India, Shri M Venkaiah Naidustated that though Farming is one among the most productive and crucial occupation in India, still farmers are finding the profession unattractive because of low and stagnated income and productivity.
The Vice President said that strategies for faster, inclusive and sustainable growth must address the issues faced by farmers.
Government initiatives like Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana, the Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY), e-NAM and Soil Health Cards are helping the farmers to improve productivity and get better returns. Further, he stated that initiatives like the Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana are required for addressing the risks in livestock sector.
Currently, India holds top position in the production of many crops. It has the highest milk production in the world and has seen many transformative changes as it ushered in green, white, blue and yellow revolutions.
The Vice President has outlined twelve initiativesthat will help to raise the productivity and generate sufficient returns to the farmers.
- First is the use of good quality seeds which can enhance productivity by 15 to 20%.
- Second, a balanced use of fertilizers is essential for raising agricultural productivity.
- Third, timely institutional credit plays a pivotal role for adoption of innovations by marginal and small farmers.
- Fourth, diversification by supplementing farming with allied activities like dairying, fisheries and poultry can contribute significantly to increasing farmers incomes.
- Fifth, farm mechanization in India must expand.
- Sixth, intensification of agriculture and combining agriculture with horticulture and mechanization of hill agriculture can increase the farmers income.
- Seventh, we must strengthen the ecosystem that encourages agro-based industries.
- Eighth, there has to be a much better understanding of water use.
- Ninth, farmers need to realize larger share of the consumer price. Tenth, we may have to consider substantive reforms in the land policy.
- Eleventh, we need to develop climate change resilient farming practices.
- Twelfth, knowledge sharing processes must be streamlined.
मराठी
उपराष्ट्रपतींकडून शेती व्यवहार्य आणि फायदेशीर करण्यासाठी 12 पुढाकार रेखांकीत
उपराष्ट्रपती एम. वेंकैया नायडू यांनी बंगळुरुमध्ये इंस्टीट्यूट फॉर सोशल अँड इकनॉमिक चेंज येथे आयोजित 14 व्या डॉ. व्ही. के. आर. व्ही. स्मृती व्याख्यानादरम्यान शेती व्यवहार्य आणि फायदेशीर करण्यासाठी 12 पुढाकार रेखांकीत केले आहेत.या 12 पुढाकारांमध्ये पुढील बाबींचा समावेश आहे -
- उत्तम बियाणांचा वापर करणे, जेणेकरून उत्पादकतेमध्ये 15-20% वृद्धी होऊ शकणार.
- कृषी उत्पादकथेट वाढ करण्यासाठी खतांचा योग्य प्रमाणात वापर करणे.
- मर्यादित भू-मालक आणि छोट्या शेतकर्यांद्वारा अभिनवता बाळगण्याच्या दिशेनी सामायिक संस्थात्मक कर्ज मुख्य भूमिका निभवते.
- अतिरिक्त उत्पन्नासाठी पशुपालन, मत्स्यपालन आणि कुक्कुटपालन अश्या शेतीपूरक व्यवसायांची कास धरने आणि विस्तार करणे.
- भारतात कृषी-यांत्रिकीकरणास चालना देणे.
- शेतकर्यांच्या उत्पन्नात वाढ करण्यासाठी कृषीसंबंधी कार्यांना वेग देणे आणि फलोत्पादन शेतीकडे वळणे आणि पहाडी क्षेत्रात कृषी-यांत्रिकीकरणाच्या माध्यमातून शेती करणे.
- कृषी आधारित उद्योगांना प्रोत्साहन देत त्यासंबंधित उद्योग पर्यावरणास मजबूत करणे.
- पाण्याच्या संवर्धित वापरासाठी उत्तम प्रयत्नांसाठी जागृती करणे.
- शेतकर्यांना ग्राहक मूल्याच्या मोठ्या भागास समजून घेणे.
- भुमीसंबंधी धोरणांमध्ये मूलभूत सुधारणांवर लक्ष्य केंद्रीत करणे.
- हवामान बदलाच्या पार्श्वभूमीवर कृषी-संबंधी कार्यांना विकसित करणे.
- ज्ञानाला सामायिक करण्याच्या प्रक्रियांना सुधारित करणे.
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