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    Tuesday, April 3, 2018

    अधिकांश प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में केवल एक चिकित्सक उपस्थित: रिपोर्ट. Only one doctor in most primary health centres in India. बहुतेक प्राथमिक आरोग्य केंद्रांवर केवळ एक डॉक्टर आहे: भारत सरकार

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    करेंट अफेयर्स ३ एप्रिल २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी




    हिंदी


    अधिकांश प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में केवल एक चिकित्सक उपस्थित: रिपोर्ट
    केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि देश के कुल 25,650 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में 15,700 (61.2%) केन्द्रों पर सिर्फ एक चिकित्सक कार्यरत हैं। यहाँ तक कि 1,974 (7.69%) पीएचसी पर एक भी डॉक्टर नहीं है।
    भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानकों (आईपीएचएस) के दिशानिर्देशों के मुताबिक, प्रत्येक 24/7 पीएचसी पर कम से कम दो चिकित्सक होने चाहिए, इनके अतिरिक्त तीसरा चिकित्सक भी वांछनीय है। साथ ही पीएचसी पर तीन नर्सों के अलावा, एक प्रयोगशाला तकनीशियन और एक फार्मासिस्ट भी उपलब्ध होना चाहिए।
    प्रमुख तथ्य:
    कुल पीएचसी में से 9,183 (35.8%) में प्रयोगशाला तकनीशियन (लैब टेक्नीशियन) नहीं हैं, जबकि 4,744 (18.4%) के पास फार्मासिस्ट ही नहीं है।
    बड़े राज्यों में, जहां पीएचसी की संख्या 600 से ज्यादा है, गुजरात 100% के साथ शीर्ष पर है। यहाँ पर 1,392 केंद्रों में सभी में एक-एक चिकित्सक हैं।
    कर्नाटक में राज्य में 2,359 पीएचसी के 1973 में ही सिर्फ एक-एक डॉक्टर है। कर्नाटक 83.6% के साथ पांचवें स्थान पर है (जहाँ पीएचसी पर एक ही डॉक्टर है), इसके बाद केरल (81.7%) का स्थान आता है।
    प्रतिशत के संदर्भ में, गुजरात के बाद सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और मिजोरम का स्थान आता है, जहां एक चिकित्सक के साथ कार्यरत पीएचसी 84% और 87% के बीच हैं। हालांकि, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और मिजोरम में पीएचसी की संख्या सबसे कम है।
    बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों में तमिलनाडु और महाराष्ट्र हैं, जहां क्रमशः 1,362 पीएचसी में केवल 14.4% और 1814 पीएचसी में 23.8% एक-एक डॉक्टर है।
    सार्वजनिक स्वास्थ्य शोधकर्ता सिल्विया कर्पगम ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के कुल पीएचसी के 61% से अधिक में एक-एक डॉक्टर के साथ ही काम किया जाता है।


    इंग्लिश


    Only one doctor in most primary health centres in India
    State for Health and Family Welfare has presented a grey picture of primary health care in India. According to the department; there is only one doctor in 15700 Primary Health Care (PHC) centres, and 1974 PHCs don’t have even a single doctor, out of total 25650 PHCs in the country.
    Indian Public Health Standards (IPHS)
    As per the IPHS guidelines, each 24/7 should have a minimum two doctors, three nurses, one lab technician and one pharmacist.
    However, 9183 PHCs don’t have a lab technician and 4744 don’t have a pharmacist.
    State-wise performance 
    Gujarat’s each PHC has only 1 doctor. It means Gujarat topped the list with 100%.
    Karnataka stands second with 83% and 81% of Kerala.
    Suggestions:
    1. 1 year courses
    The government must introduce up to one-year long training courses for practitioners engaged in treating routine illnesses. This would be in line with the National Health Policy 2002, which envisages a role for paramedics along the lines of nurse practitioners in the United States.
    1. Telemedicine
    Telemedicne can be an effective way to get expert advice from a doctor even if he lives far away. Telemedicine is the use of telecommunication and information technology to provide clinical health care from a distance. It has been used to overcome distance barriers and to improve access to medical services that would often not be consistently available in distant rural communities. It is also used to save lives in critical care and emergency situations.
    1. Public Private Partnerships
    We need more public private partnerships to involve the private sector in rural areas. These partnerships can offer incentives to doctors to offer services in rural areas for a small number of days of a year. With severe shortage of specialized cardiologists, nephrologists, neurologists and gynaecologists, rural populations often have to make with less skilled doctors or worse quacks. PPPs that can take skilled doctors of reputed hospitals to offer services in rural health centres and recommend patient transfer if needed, can play a role in bridging this gap.



    मराठी

    बहुतेक प्राथमिक आरोग्य केंद्रांवर केवळ एक डॉक्टर आहे: भारत सरकार

    केंद्रीय आरोग्य व कुटुंब कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल यांनी राज्यसभेत एक अहवाल सादर केला आहे, ज्यातून असे स्पष्ट झाले आहे की, देशातल्या बहुतेक प्राथमिक आरोग्य केंद्रांवर (PHC) केवळ एक डॉक्टर आहे.
    देशातल्या एकूण 25,650 PHC यापैकी 15,700 (61.2%) केंद्रांवर केवळ एक डॉक्टर कार्यरत आहे. तर 1,974 (7.69%) PHC वर एकही डॉक्टर उपलब्ध नाही.
    भारतीय सार्वजनिक आरोग्य मानक (IPHS) यांच्या दिशानिर्देशानुसार, प्रत्येक सर्वकाळ सुरू राहणार्‍या PHC वर कमीतकमी दोन तरी डॉक्टर हवेत, त्यांच्या व्यतिरिक्त एक अतिरिक्त डॉक्टर देखील असावा. सोबतच PHC वर 3 परिचारिका, 1 प्रयोगशाळा तांत्रिकी आणि 1 औषधी वितरक देखील कर्मचारी वर्ग उपलब्ध असायला पाहिजे.
    मुख्य तथ्ये
    • एकूण PHC पैकी 9,183 (35.8%) मध्ये प्रयोगशाळा तांत्रिकी उपलब्ध नाही आणि 4,744 (18.4%) मध्ये औषधी वितरक नाही.
    • मोठ्या राज्यांमध्ये, जेथे 600 हून अधिक PHC आहेत, गुजरात 100% सोबत शीर्ष स्थानी आहे. या राज्यात सर्व 1,392 केंद्रांमध्ये एक डॉक्टर उपलब्ध आहे.
    • कर्नाटकात 2,359 PHC पैकी 1973 मध्ये केवळ एक डॉक्टर आहे. कर्नाटक याबाबतीत 83.6% सह पाचव्या स्थानी आहे. त्यानंतर केरळ (81.7%) चा क्रमांक लागतो.
    • टक्केवारीच्या संदर्भात, गुजरातनंतर सिक्किम, हिमाचल प्रदेश आणि मिझोरम यांचे स्थान आहे, जेथे एक डॉक्टर कार्यरत आहेत अश्या PHC 84% आणि 87% दरम्यान आहे. जेव्हा की सिक्किम, हिमाचल प्रदेश आणि मिझोरम राज्यांमध्ये PHC ची संख्या सर्वाधिक कमी आहे.
    • उत्तम कामगिरी बजावणार्‍या राज्यांमध्ये तामिळनाडू आणि महाराष्ट्र आहेत, जेथे एक डॉक्टर असलेल्या अनुक्रमे 1,362 PHC मध्ये केवळ 14.4% आणि 1814 PHC मध्ये 23.8% आहे.
    • देशातल्या एकूण PHC पैकी 61% हून अधिक केंद्रांवर केवळ एकाच डॉक्टरकडून कामकाज पाहीले जात आहे.




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